اقرأ باسم ربك الذي خلق

एक सहाबी जो रसूलुल्लाह ﷺ को हसाया करते थे


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۩ उमर इब्न अल-खत्ताब . ‌. रिवायत करते हैं के नबी के जमाने में एक शख़्स, जिसका नाम अब्दुल्ला था और वो हिमार (गधे) के लक़ब से पुकारे जाते थे, वो आनहज़रत को परेशान करते थे और आन हज़रत ने इन्हें शराब पीने पर मारा था तो इन्हें एक दिन लाया गया और आप ने उनके लिए हुकुम दिया और इन्हें मारा गया।

۩ उमर इब्न अल-खत्ताब .. रिवायत करते हैं के नबी के जमाने में एक शख़्स, जिसका नाम अब्दुल्ला था और वो हिमार (गधे) के लक़ब से पुकारे जाते थे, वो आनहज़रत को परेशान करते थे और आन हज़रत ने इन्हें शराब पीने पर मारा था तो इन्हें एक दिन लाया गया और आप ने उनके लिए हुकुम दिया और इन्हें मारा गया।

सहीह अल बुखारी, किताब अल हुदूद (८६), हदीस- ६७८०।


इस हदीस पर फतह अल बारी की शरह भी पढें।


۩ अल-इसाबा फ़ी तमीज़ अस-सहाबा (६/३६६) में लिखा है:

'वो र. ‌अ. ये काम रसूलुल्लाह से मजाक कर के किया करते थे और चाहते थे कि रसूलुल्लाह खुश हो जाएं, और रसूलुल्लाह भी इस मज़ाक को कुबूल करते और हसा करते थे, और इस पर कोई तनकीद नहीं करते थे, और जो कुछ उन्होंने खरीद कर आप को तोहफे में दिया, उनकी तरफ से रकम अदा करते थे। 'इसलिये के आप जानते थे कि ये काम वो सिर्फ आप की मोहब्बत में करते हैं।'